यह स्थानीय लिपि को देवनागरी में परिवर्तित कर सकेगा।
2.
अतः संस्कृत भले ही भारत में हर जगह प्रयोग में आती है, पर लिखी स्थानीय लिपि में ही जाती है।
3.
इसलिए शुद्धता के लिए संस्कृत को स्थानीय लिपि में ही लिखा जाना चाहिए, ताकि इसमें उच्चारण-संबंधी त्रुटियाँ कम से कम आये।
4.
हर राज्य में जन सेवा संबंधी सभी साधनों जैसे बस, रेल, टैक्सी, ऑटो इत्यादि तथा बैंकों, कार्यालयों, डाकघरों, दुकानों, फर्मों, संस्थानों आदि के सार्वजनिक सूचना बोर्र्डों पर स्थानीय लिपि के साथ देवनागरी लिपि का प्रयोग अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
5.
हर राज्य में जन सेवा संबंधी सभी साधनों जैसे बस, रेल, टैक्सी, ऑटो इत्यादि तथा बैंकों, कार्यालयों, डाकघरों, दुकानों, फर्मों, संस्थानों आदि के सार्वजनिक सूचना बोर्र्डों पर स्थानीय लिपि के साथ देवनागरी लिपि का प्रयोग अनिवार्य रूप से होना चाहिए।